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राम भक्ति आंदोलन का केंद्र बनेगा कटेहरा गांव जहां पुजारी दलित समाज का ही व्यक्ति होगा।

श्रीगुरुजी ने अभिमन्त्रित पुष्प देकर सैकडों दलित महिलाओं को राम नाम से जोड़ा।

 

चन्दौली के कटेहरा गांव में दलित महिलाओं ने शुरू की श्रीराम परिवार की पूजा

चन्दौली, 8 अक्टूबर। रामपंथ के पंथाचार्य एवं विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी अलीनगर थाने के कटेहरा गांव पहुंचे। दलित समाज के नेता विरेन्द्र प्रसाद ने सामाजिक समरसता पर कार्यक्रम का आयोजन किया था। श्रीगुरुजी ने भगवान श्रीराम और दलित समाज के रिश्तों पर जब बोलना शुरू किया तो लोग भाव विभोर हो गए। भगवान श्रीराम के भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के साथ माता जानकी, माता मांडवी, माता उर्मिला, माता श्रुतकीर्ति के साथ हनुमान जी की पूजा के लिए प्रेरित किया और उसके पुण्य भी बताये। महर्षि वाल्मीकि और संत रैदास को हिन्दू धर्म का अभिभावक बताते हुए कहा कि सनातन धर्म बचाने में दलित समाज की बड़ी भूमिका रही है। मुगलों और बौद्धों के धर्म परिवर्तन का प्रभाव रोकने के लिए दलित ही आगे आयें। कटेहरा गांव की महिलाएं घर-घर में राम परिवार की पूजा शुरू कर दें जिससे उनका परिवार बचे और बच्चे भी संस्कारवान और आज्ञाकारी निकलेंगे।

श्रीगुरुजी के आह्वान पर सभी दलित महिलाओं ने भगवान राम की नियमित पूजा का संकल्प लिया। श्रीगुरुजी ने उपस्थित सभी महिलाओं को अभिमन्त्रित पुष्प प्रदान किया। फरवरी में चलो अपने राम के पास अभियान के अंतर्गत काशी से अयोध्या तक की धर्मयात्रा का संकल्प लिया। इस अवसर पर खुशी रमन भारतवंशी को दलित समाज तक सच पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गयी। जब गुरुजी पुष्प बांट रहे थे तो महिलाएं अति उत्साहित थीं। जय सियाराम और जय हनुमान हर घर पर लिखने का निर्देश दिया।

रामपंथ दुनियां का सबसे उदार सम्प्रदाय है जहाँ जाति और धर्म का भेद नहीं देखा जाता। जहां किसी से नाम के साथ देश नहीं पूछा जाता, बस पूछी जाती है रामभक्ति। रामभक्ति आंदोलन के दूसरे सोपान में रामपंथ ने राम परिवार भक्ति के लिए सबके लिए दरवाजे खोल दिये। हिन्दुस्तानी पूर्वजों के वंशज भले आज दूसरे धर्म के मान रहे हों, लेकिन उनकी जड़ों में भगवान श्रीराम ही हैं। आज पूरी दुनियां रिश्तों के संकट से गुजर रही है। परिवार नामक संस्था पर संकट गहराता जा रहा है। पूरा विश्व सम्बन्धों के अविश्वास से जूझ रहा है।

ऐसे में दुनियां के सभ्य समाज को भगवान श्रीराम के सम्बन्धवाद और रिश्ते को निभाने के उच्चतम आदर्श की जरूरत है। रामपंथ भगवान के सम्बन्धों को संवाद के जरिये लोगों तक पहुंचा रहा है। रामपंथ पूरे विश्व के परिवार को बचाने के लिए श्रीराम परिवार की पूजा को प्रोत्साहित कर रहा है। आपसी सम्बन्धों की मर्यादा को निभाने के लिए सिर्फ भगवान राम के सम्बन्धवाद की ही आवश्यकता है। इस संबंध में मानवीय संवेदना है और रिश्तों को त्याग के आधार पर निभाने का सूत्र है।

रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने “हर घर राम का, जीवन राम के काम का” नारा दिया। दलित बस्ती में राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा और घर-घर में हनुमान जी और रामजी की पूजा शुरू की जाएगी।

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