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श्री राम के चरित्र को अपने आचरण में करे शामिल : श्याम जी

 

आदिवासियों द्वारा सोनभद्र के पाटी गांव में बनवाया जा रहा श्रीराम परिवार मन्दिर।

श्रीराम परिवार मन्दिर में राम-जानकी, भरत-माण्डवी, लक्ष्मण-उर्मिला, शत्रुघ्न-श्रुतकीर्ति के साथ हनुमान जी विराजेंगे।

वाराणसी, 9 अप्रैल। सोनभद्र का पाटी गांव रामभक्ति की क्रांति की पटकथा लिखने जा रहा है। रामपंथ में दीक्षित हुए आदिवासी समाज के लोगों ने बडी पंचायत बुलाकर सभी आदिवासियों से अपील किया कि सभी लोग राम परिवार की भक्ति में जुटें, तभी पहचान होगी और कल्याण होगा। सभी आदिवासियों ने द्वारिका प्रसाद खरवार के नेतृत्व में पाटी गांव में राम परिवार मन्दिर का निर्माण कराया। इस मंदिर में राम-जानकी, भरत-माण्डवी, लक्ष्मण-उर्मिला, शत्रुघ्न-श्रुतकीर्ति, हनुमान जी की 9 मूर्तियां स्थापित होंगी। यह भारत का पहला मन्दिर है जहां भगवान के भाई अपनी पत्नियों समेत विराजेंगे और उनकी पूजा की जाएगी।

सोनभद्र के पाटी गांव में लगने वाली प्रतिमाओं का लमही के सुभाष भवन में दर्शन कार्यक्रम एवं श्रीराम परिवार का आदर्श : वैश्विक आवश्यकता विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने नई दिल्ली से ऑनलाइन किया।

दर्शन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामपंथ के धर्माध्यक्ष स्वामी बालक दास जी ने भगवान राम समेत सभी की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित कर एवं 9 दीप जलाकर दर्शन की अनुमति दी। बड़ी संख्या में महिलाओं एवं सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने श्रीराम परिवार का दर्शन किया।

इस अवसर पर स्वामी बालक दास जी ने कहा कि वनवासी परिवारों के बीच मंदिर निर्माण होने से एवं श्रीराम परिवार चारो भाईयों, चारो माताओं एवं हनुमान जी के स्थापित होने से वहाँ पर निश्चित ही श्रीराम चरित्र का प्रभाव पड़ेगा। वर्तमान समय में रामचरितमानस ही सबसे बड़ा ग्रंथ है क्योंकि रामचरितमानस में वेदों, पुराणों, उपनिशदों आदि सभी धार्मिक ग्रन्थों का रस शामिल है

संगोष्ठी के मुख्यवक्ता श्याम जी ने कहा कि भगवान राम ने मनुष्य अवतार लेकर यह संदेश दिया की हम जिस धर्म में जन्म लेते हैं उसके प्रति हमारा कर्तव्य क्या है। भगवान राम ने अपने जीवन के आचरण से जनमानस में संदेश देने का काम किया एवं मर्यादा स्थापित करने के संवाहक बने। श्रीराम परिवार के चरित्र को अपने आचरण में शामिल करना ही आज के समाज की आवश्यकता है।

रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि आदिवासी समाज रामभक्ति की क्रांति से संयक्त परिवार की मजबूती और भारतीय संस्कार का संदेश पूरी दुनियां को देगा। भगवान राम के परिवार की पूजा से बिखर रहे परिवार एक जुट होंगे। घर-घर में प्रेम का वातावरण बनेगा। परिवार को बचाने की महान क्रांति शुरू हो चुकी है।

रामपंथ के ट्रस्टी डा० निरंजन श्रीवास्तव ने कहा कि राम के परिवार का आदर्श अवचनीय, मुख, वचन से कहने लायक नहीं है। दुनियां का कल्याण राम आदर्श परिवार में नीहित है। राम का आदर्श स्थापित करना कठिन है, लेकिन कल्याण इसी में है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीराम आस्थावादी चिंतक चट्टो बाबा ने किया।

कार्यक्रम में डा० अर्चना भारतवंशी, नजमा परवीन, नाजनीन अंसारी, डा० मृदुला जायसवाल, ज्ञान प्रकाश, ओम प्रकाश पाण्डेय, जय प्रताप सिंह, मयंक श्रीवास्तव, डा० धनंजय यादव, जगन्नाथ कुशवाहा, देवेन्द्र नाथ सिंह, ओ०पी० सिंह, अजय कुमार सिंह, सूरज चौधरी, विवेक श्रीवास्तव, सुनीता श्रीवास्तव, सरोज देवी, गीता देवी, रमता श्रीवास्तव, मैना देवी, अंजू, बिन्दु, धनेसरा, चन्दा, बेचना, पार्वती, गीता, मनीषा, प्रभावती, पूजा, प्रियंका, इली भारतवंशी, खुशी भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी आदि सैकड़ों लोगों ने भगवान का दर्शन किया।

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