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नफरत के बीच सुभाष भवन में हिंदू व मुस्लिम ने दिया शांति का संदेश

 

वाराणसी : संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देकर हिंसा और आगजनी कर देश की जलाने की साजिश हो रही है।ज्ञानवापी के मुद्दे पर हिन्दू मुसलमानों के बीच नफरत का जहर हमारे देश के कुछ नेता और पाकिस्तानी एजेंसियां कर रही हैं। कुछ न कुछ लेकर भीड़ जुटाकर देश में आग लगाने का खतरनाक खेल खेला जा रहा है। ऐसे समय में देश का आम नागरिक क्या करे ? कैसे वह अपना जीवन चलाये और अपने परिजनों को इन हिंसा करने वालों से बचायें। इस महत्वपूर्ण प्रश्न को लेकर विशाल भारत संस्थान ने इन्द्रेश नगर लमही के सुभाष भवन में एक नेक पहल की। जिसमें हिंदू और मुसलमानों ने हिस्सा लिया और खुलकर अपनी बात रखी। नफरत


के बीच सुभाष भवन से शांति का जो संदेश हिंदू मुस्लिम ने दिया वह दिल को सुकून  पहुचाने वाली है। शांति घोषणा पत्र पर विचार करने के लिए हिंदू–मुस्लिम दोनों पक्ष के लोग जुटे थे। सबकी राय शुमारी कर 35 प्रस्तावों पर विचार कर घोषणा पत्र में शामिल किया गया। घोषणा पत्र जारी करने के बाद हिंदू –मुसलमानों ने एक साथ बैठकर सहभोज किया और यह संदेश दिया की देश में हिंदू मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने वालों को एक नहीं चलेगी।बैठक जे पूर्व विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीवास्तव ने सुभाष मन्दिर में नेताजी सुभाष की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया एवं दीप जलाकर बैठक की शुरुआत की।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पूर्वांचल प्रभारी मो० अजहरुद्दीन एवं विशाल भारत संस्थान की महासचिव अर्चना भारतवंशी ने नागरिक शांति घोषणा पत्र का मसौदा पेश किया। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी ने ज्ञानवापी प्रकरण में मौलानाओं और मुस्लिम नेताओं के झूठ बोलने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। इनके झूठ बोलने से हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई।
मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी ने कहा कि मुस्लिम समाज के युवाओं और बच्चों को भड़काने की साजिश रची जा रही है। मुसलमानों को जन्नत का सपना दिखाना बन्द करें। सभी अपने कर्म के अनुसार जन्नत या जहन्नुम जायेंगे, न कि धर्म के आधार पर जायेंगे।विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव अर्चना भारतवंशी ने कहा कि हिन्दू और मुस्लिम समाज मिलकर रहेंगे तभी देश का विकास होगा। समाज में जागरूकता फैलानी चाहिये कि सभी मुसलमान आतंकवादी नहीं होते हैं। सोशल मीडिया पर अराजकता फैलाने वालों से सतर्क रहना चाहिये।
सुभाषवादी नेता नजमा परवीन ने कहा कि किसी का हक छीनकर शांति की उम्मीद को बेइमानी बताया। हक की लड़ाई को आपसी बातचीत या कोर्ट से हल करने का प्रस्ताव रखा। धर्म के नाम पर झगड़ा करने पर धर्म बदनाम होता है। देश की एकता में सेंध लगाकर देश को तोड़ने की साजिश रची जा रही है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के काशी प्रान्त के संयोजक मौलाना शफीक अहमद मुजद्दीदी ने आपसी रिश्ते को और मजबूत करने के प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की और कहा कि देश में हिंसा करने वाले न तो देश की ही बात समझ  सके और न ही अपने दीन की बात समझ सके। हेट स्पीच पर रोक लगनी चाहिये ताकि आपसी भाईचारा बना रहे।मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पूर्वांचल प्रभारी मो० अजहरुद्दीन ने कहा कि तकरीर करने वाले सभी मौलानाओं से गुजारिश करेंगे कि भड़काऊ तकरीर न करें और जो ऐसा करेंगे उनके खिलाफ कार्यवायी होनी चाहिये। आतंकवाद के खिलाफ मुस्लिम समाज को एकजुट होना पड़ेगा।
सुभाषवादी नेता ज्ञान प्रकाश जी ने कहा कि सभी आम नागरिक एक साथ मिलकर रहना चाहते हैं, लेकिन बहकावे में आकर देश का नुकसान करते हैं। इस प्रस्ताव को अमल लाना चाहिये।
रामानुज सिंह ने कहा कि शांति जुलूस निकालने से समाज को शांति का पाठ पढ़ाया जा सकता है।सुभाषवादी नेता अजय सिंह ने कहा कि विश्वगुरू बनने के लिये दोनों का साथ चाहिये। सामाजिक  कुरुति की जड़ अशिक्षा है। शिक्षा होगी तो अंधविश्वास दूर होगा। बिना कारण भीड़ के पीछे न भागें।मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के जिला संयोजक अफसर बाबा ने कहा कि कुछ मौलानाओं की बातें विसफोटक होती हैं जो गुस्ताख ए रसूल है। बेगुनाहों की रोजी रोटी और रोजगार का नुकसान नहीं करना चाहिये।इस्लामिक स्कॉलर इकबाल अहमद ने कहा कि सबसे पहले हम इंसान हैं और बाद में हिन्दू और मुसलमान हैं। जब इंसानीयत खत्म होती है। तो उग्रवाद की तरफ आगे बढ़ते जाते हैं।महंत चन्द्रभूषण जी महाराज ने कहा कि कुछ लोग ही पूरे समाज को गन्दा करने का काम कर रहे हैं। एक भारतीय की तरह हम सभी को स्वयं ही देश को जोड़ने एवं नई दिशा में ले जाने का काम करना होगा।हाई कोर्ट के अधिवक्ता आत्म प्रकाश सिंह ने कहा कि सिविल सोसाइटी का काम ही है विवाद को समाप्त करना। समाज से जुड़ा विवाद समाजिक संगठनों की सहभागिता से ही समाप्त हो सकता है।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा० राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि आज शांति की जरूरत है। आम नागरिक यदि शांति, समझौता का काम करेगा तो किसी मौलाना और नेता की भड़काने वाली दुकान नहीं चल पायेगी। यह ऐतिहासिक समझौता पत्र है जो दुनियां के देशों के नफरत के बीच सुभाष भवन में हिंदू व मुस्लिम ने दिया शांति का संदेश भी प्राशंगिक और जरूरी है।इस बैठक में डा० मृदुला जायसवाल, मयंक श्रीवास्तव, धनंजय यादव, सुनीता श्रीवास्तव, अशोक विश्वकर्मा, दीपक आर्या, अजीत सिंह, अजय सिंह, पप्पू मिश्रा, कलीम अशरफ, अब्दुल रहमान, हकीम अंसारी, मो० इकबाल, शाहिद अंसारी, जलालुद्दीन, मो० शहाबुद्दीन, मो० शाहिद, जावेद अहमद, करीम, गुलजार अहमद, इदरीश अंसारी, गोविन्द खान, कासिम अली, इरफान हैदर, मुस्ताक अहमद आदि लोगों ने भाग लिया।

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