सुभाष भवन में चित्रकारों की कूची ने भी ‘सुभाष की जय’ बोला
वाराणसी, 22 जनवरी। विशाल भारत संस्थान द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन सुभाष भवन में किया गया। नेताजी के जीवन और आजादी में दिए गए योगदान को चित्रकारों ने कूची से जीवंत कर दिया। नई दिल्ली के कलाकर भाष्कर सिंह ने सुभाष को स्वप्नद्रष्टा के रूप में चित्रित किया। चित्रकला प्रदर्शनी में दो दर्जन से अधिक चित्रकारों ने हिस्सा लिया। चित्रकारों के मन पर नेताजी का इतना प्रभाव है कि आज़ादी के संघर्ष में उन्हें अकेले दिखाया। अपने स्कूली जीवन मे अंग्रेज शिक्षक द्वारा भारतीयों के बारे में कहे गए अपमान जनक शब्द से व्यथित होकर सुभाष ने उसे एक थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना को अंकिता जायसवाल ने बखूबी चित्रित किया।
सुभाष भवन में लगी प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेता इन्द्रेश कुमार ने किया। प्रदशनी को देखने के लिए सुभाषवादियो की भीड़ लगी रही। इस अवसर पर इन्द्रेश कुमार ने कहा कि कलाकारों की कूची ने कई आंदोलन को जन्म दिया है। नेताजी सुभाष के प्रति चित्रकारों का यह भाव राष्ट्रभक्ति बढ़ाने में सहायक होगा।
विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि आम जनमानस आजादी के आंदोलन और नेताजी के संघर्ष को चित्रों के माध्यम से सहजता के साथ समझ सकता है। प्रदर्शनी का संयोजन अनूप कुमार गुप्ता ने किया।
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