मुहम्मद दीनदार खाँ जागीरदार को हिन्दू–मुस्लिम एकता के रूप में हमेशा याद किया जायेगा: अजीत महापात्र
वाराणसी। विशाल भारत संस्थान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विमर्श में आये हुये विद्वानों एवं संतों के मार्गदर्शन में मुख्यवक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राष्ट्रीय गौसेवा संयोजक अजीत महापात्र ने ऐतिहासिक पुस्तक स्मारिका मुहम्मद दीनदार खाँ एक मुगलिया जागीरदार का वाराणसी में शोधार्पण किया। मुख्यवक्ता अजीत महापात्र ने कहा कि भारतीय इतिहास में अगर साँझा सांस्कृतिक विरासत की बात होगी, हिन्दू–मुस्लिम एकता की बात होगी, तो राजा खर सिंह के वंशजों में उनके पौत्र कुँअर नवल सिंह उर्फ मुहम्मद दीनदार खाँ जागीरदार को नायक के रूप में हमेशा याद किया जायेगा
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डा० राजीव श्रीगुरूजी ने कहा कि मध्यकालीन भारत के साँझा सांस्कृतिक विरासत को समझने के लिये इससे बेहतर संकलन एवं लेखन नहीं हो सकता। पुस्तक अपने मूल श्रोतों के साथ है, इसलिये मध्यकालीन इतिहास के विद्यार्थियों के शोध के लिये बहुत उपयोगी साबित होगी। कुँअर मुहम्मद नसीम रजा खाँ ने मुख्यवक्ता अजीत महापात्र को तिरंगा साफा पहनाया। वहीं अजीत महापात्र ने नसीम रजा को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। पुस्तक शोधार्पण के मौके पर बुद्धिजीवियों, विद्वानों एवं संतों में पातालपुरी मठ, काशी के पीठाधीश्वर महंत बालक दास जी महाराज, बद्रिका आश्रम, काशी के महंत ईश्वर दास जी महाराज, जानकी आश्रम, चित्रकूट के महंत रामलोचन दास जी महाराज, राजस्थान के नरसिंह पीठाधीश्वर महंत अवधेश दास जी महाराज, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डा० राजीव श्रीगुरूजी, प्रोफेसर बिन्दा परांजपे, MCPR BHU के प्रोफेसर मनोज मिश्रा एवं पुस्तक के सम्पादक कुँअर मुहम्मद नसीम रजा खाँ मौजूद रहे।
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