शिक्षा प्राप्त करना किसी भी विद्यार्थी का पहला कर्तव्य है : डा॰ राजीव श्रीगुरुजी
| EXAM PLUS |
वाराणसी | विद्यार्थी जीवन मनुष्य के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है | इस समय में बने संस्कार, सीखी हुई कलाएँ हमारा भविष्य निर्धारित करती हैं | इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि मनुष्य अपने विद्यार्थी जीवन से ही देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे | इससे वह अपने जीवन को इस प्रकार ढाल सकेगा कि राष्ट्र के प्रति उसके जो कर्तव्य है वो उन्हें पूरा करने के लिए सक्षम बने
उक्त बातें शनिवार को UP ATS (Anti Terrorist Squad) के deputy SP श्री विपिन राय जी ने काजीसराय स्थित कोचिंग संस्था एग्जाम प्लस में आयोजित सेमिनार समाज के प्रति विद्यार्थियों का कर्तव्य में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही | कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के इतिहास के बहुचर्चित प्रोफ़ेसर डा॰ राजीव श्रीगुरुजी ने किया।EXAM PLUS के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डा॰ राजीव श्रीगुरुजी नेकहां की एक विद्यार्थी के रूप में मनुष्य का देश के प्रति पहला कर्तव्य यह होता है कि वह अपनी शिक्षा उचित रूप से पूर्ण करे | शिक्षा मनुष्य की योग्यता बढ़ाती है | उसे सामर्थ्यवान बनाती है, उसके विवेक का विकास करती है | कर्तव्यों का ज्ञान दिलाती है | एक उचित शिक्षा पाया हुआ व्यक्ति अपने परिवार, समाज तथा देश की सही तरीके से सेवा कर सकता है | इसलिए शिक्षा प्राप्त करना किसी भी विद्यार्थी का पहला कर्तव्य है |इस सेमिनार में संस्थान के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को करने के कई टिप्स अतिथियों ने दिया व तैयारी के दौरान जितनी भी रुकावटें आती है उन्हें कैसे दूर किया जाए उसका फ़ोर्मुला भी बताया। अथितियों की उपस्थिति ने सभी विद्यार्थियों के मन को नई ऊर्जा और स्फूर्ति से भर दिया।
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