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डोली भूमि गिरत दसकंधर, छुभित सिंधु सरि दिग्गज भूधर
- मोहन तिवारी
गाजीपुर। सनातनी धर्म से जुड़े जीवन में श्रीराम चरित्रमानस का समाज में गहरा छाप देखने को मिलता है, त्रेतायुग के उसी प्रसंगो से प्रेरणा लेकर भारत वर्ष में श्रीराम लीला का मंचन निरंतन चला आ रहा है और लोग कलयुग में भी अधर्म पर धर्म के विजय का प्रतीक रावण वध को उत्सव के रूप में मनाते चले आ रहे है।
इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए अति प्राचीन रामलीला कमेटी गाजीपुर के रामलीला मंडली ने लंका मैदान में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने इलेक्ट्रिक बटन दबाकर लगभग 30 फिट लम्बे रावण के पुतले का दहन किया। रावण के मृत्यु से पूर्व श्रीराम लीला का मंचन कर रहे कलाकारो में श्रीराम ने रावण को अग्निबाण मारा और रावण धराशाही होकर धरती पर गिर पड़ा उसी प्रसंग के वर्णन में रावण का बड़ा पुतला बनाने की परम्परा चली आ रही है ’’डोली भूमि गिरत दसकंधर, छुभित सिंधु सरि दिग्गज भूधर। धरनि परेऊ द्वौ खण्ड बढाई, चापि भालू मर्कट समुदाई।। रावण के गिरते ही पृथ्वी हिल गयी, समुंद्र, नदियां, सभी दिशाओं मे हाथी और पर्वत क्षुब्ध हो उठे, रावण धड़ के दोनो हिस्सों को फैलाकर भालू और वानरों के समुदाय को दबाता हुए पृथ्वी पर गिर पड़ा और देवताओं और मुनियों ने फूल बरसाते हुए भगवान श्रीराम की जय हो, मुकुन्द की जय हो के उदघोष से ब्राहफङमांड गुंज उठा। कोविड-19 के मानको को देखते हुए मैदान में लोगो की उपस्थित पर रोक लगी रही, इस रामलीला का मंचन आनलाईन माध्यम से मैदान के बाहर बड़े बड़े एलईडी स्क्रीन लगाकर सजीव प्रसारण किया गया। पुलिस अधीक्षक रामबदन िंसह, सीओ ओजस्वी चावला, उपजिलाधिकारी सदर अनिरू़द्ध सिंह सहित संरक्षक योगेश वर्मा दादा, उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह, विरेश वर्मा, लव त्रिवेदी बड़े महाराज, शिवपूजन तिवारी, ओमनरायण सैनी, असित सेठ, रोहित अग्रवाल, हिमांशु आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में कमेटी के अध्यक्ष दीनानाथ गुप्ता, मंत्री ओमप्रकाश तिवारी ने आये हुए भक्तो का आभार प्रकट किया।
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