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डेंगू रोग के नियंत्रण के लिए जिलाधिकारी ने की अग्रिम बैठक

गाजीपुर 5 सितंबर जिलाधिकारी एम पी सिंह की अध्यक्षता में डेंगू रोग के प्रभावी नियंत्रण, कोविड संवेदीकरण एवं ज्वर पीड़ित व्यक्तियों के चिन्हांकन हेतु शनिवार को बैठक राइफल क्लब सभागार में सम्पन्न हुई। जिले में यह बीमारी किसी भी दशा में फैलने न पावे, इसका पहले से ही व्यापक इंतजाम किये जाएं। ताकि जनपदवासी स्वस्थ्य रहें, सुरक्षित रहें। उन्होने कहा कि वर्षा ऋतु में वैसे भी तमाम संक्रामक बीमारियां के फैलने की सम्भावना बनी रहती है। इसलिए लोगों को स्वच्छ पेयजल का प्रयोग करने तथा विशेष साफ-सफाई बरतने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।

 

जिलाधिकारी ने कहा कि डेंगू रोग के प्रभावी नियंत्रण हेतु धनात्मक पाए गए रोगियों के क्षेत्र में त्वरित एवं तीव्र गति से निरोधात्मक, उपचारात्मक व ज्वर रोगियों का सघन सर्वेक्षण एवं विभिन्न संबंधित विभागों का सहयोग लेते हुए कराने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका व नगर पंचायतों को निर्देशित किया है। कहा कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में निर्धारित दिशा निर्देशों के अनुसार सोर्स रिडक्शन गतिविधियां नियमित रूप से संचालित की जाएं। जिन क्षेत्रों में एक या अधिक डेंगू रोगी पाए जाते हैं, तो डेंगू से प्रभावित पूरे ग्राम क्षेत्र एवं मोहल्ले में टीम भेजकर जल संग्रहित सभी पात्रों को खाली कराते हुए प्रजनन स्रोतों को समाप्त कराया जाए तथा ऐसे स्रोतों जिनका संग्रहित जल हटाना सम्भव न हो तो, ऐसी स्थिति में चिन्हित स्रोतों में एन्टी लार्वा का छिड़काव कराया जाए। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए है कि प्रत्येक पुष्ट डेंगू रोगी के घर एवं आस-पास के 50 घरों में पाइरिथ्रम का छिड़काव कराया जाए, साथ ही एक्टिव केस सर्च, सोर्स रिडक्शन, जन सामान्य को डेंगू रोग के प्रति जागरूक किए जाने सम्बन्धी गतिविधियां आदि का सम्पाद, कराएं।

“घरों में कूलर, फ्रिज, गमलों इत्यादि में जमे जल को साफ करवाया जाए। इसके साथ ही पुष्ट डेंगू केस निकलने के 3 दिवस के अन्दर समस्त निरोधात्मक कार्यवाहियां अनिवार्य रूप से प्रभावित क्षेत्र में आच्छादित किया जाना सुनिश्चित किया जाए। जिन क्षेत्रों में डेंगू के केस नहीं है उन क्षेत्रों में भी साप्ताहिक कार्ययोजना बनाकर सोर्स रिडक्शन की कार्यवाही निरन्तर की जानी है। स्क्रब टाइफस की रोकथाम हेतु झाड़ियों को नियमित रूप से काटा जाए तथा चूहों को नियंत्रित करने की कार्यवाही की जाए। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे जाएं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इस रोग से बचाव के लिए जनसामान्य को पीने का पानी उबालकर प्रयोग करने की सलाह दी जाए। डेंगू से बचाव की जानकारी जन सामान्य को विभिन्न संचार माध्यमों से प्रदान की जाए। महाविद्यालयों एवं विद्यालयों की छतों पर जमे जल को नियमित रूप से साफ कराया जाए। सभी लोग, विशेषकर बच्चों को पूरी बाह की कमीज एवं फुल पैंट पहनने के लिए कहा जाए। घरों में मच्छर से बचने हेतु मच्छरदानी/जाली लगाने की सलाह दी जाए। अस्पतालों में बेड की व्यवस्था कराते हुए मरीजों को यथाशीघ्र भर्ती कराया जाए।

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